सिद्धू, चन्नी ,केजरीवाल की तरह बसपा न तो धोखा देती है ,न ही धोखे की उम्मीद करती है - गढ़ी

सिद्धू, चन्नी ,केजरीवाल की तरह बसपा न तो धोखा देती है ,न ही धोखे की उम्मीद करती है - गढ़ी

जालंधर: पंजाब में कोई ढाई दशक बाद शिरोमणि अकाली दल और बीएसपी एक बार फिर मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं । 117 सीटों वाली विधानसभा में 97 पर अकाली दल और 20 सीटों पर बीएसपी चुनाव लड़ रही है। गौरतलब है कि पंजाब में सबसे ज्यादा दलित आबादी है, दलित पॉलिटिक्स को धार देने वाले कांशीराम की जन्मस्थली भी पंजाब ही है, यही  बीएसपी की ताकत बनेगी व बसपा अकाली गठजोड़ परचम लहराएगा।

बाकी पार्टियां तो बहन -भाई , प्रदेश /पार्टी अध्यक्ष, पैराशूट लीडर में ही उलझी हुई है , ऐसे में पंजाब की जनता को मजबूत गठबंधन का ही विकल्प बचता है ,मेरी अपील है पूरे सूबे के भाई बहनों से अपने जमीर से डालें अपना कीमती वोट ताकि हो पाए  पंजाब कर्जमुक्त , बयान जारी किया बसपा प्रदेश अध्यक्ष  जसवीर  गढ़ी ने ।

पंजाब में अकाली दल और बीएसपी गठबंधन टेस्टेड है। वोट ट्रांसफर होने को लेकर दोनों ही दलों के मन में कोई संदेह नहीं है। 1996 लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर हुआ, तभी तो हम 13 में से 11 सीटें जीतने में कामयाब रहे। दोनों ही पार्टियां काडरबेस्ड हैं।


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